हेल्लो दोस्तों आपका हार्दिक स्वागत हे hindifacts.in के एक बिलकुल नए और सम्पूर्ण माहिती से भरपूर “इन्टरनेट का अविष्कार किसने किया?” के आर्टिकल में। दोस्तों आज के आधुनिक दौर में टेक्नोलॉजी ने जिस रफ़्तार से तेजी पकड़ी हे, उसे देखते हुए लगता हे की,आने वाले 15 से 20 सालो में मनुष्य जीवन की पूरी काया पलट होने वाली हे।
आज सारी दुनिया इंटरनेट के ऊपर अपने काम को ले जाने में लगी हे। क्योंकि उन्होंने भी इंटरनेट के इस पावर को महसूस किया हे। और शायद आपने भी महसूस किया होगा। तो दोस्तों बने रहिए हमारे साथ इस आर्टिकल में। और आपको बहुत सारी चीजों के बारे में जानने को मिलेगा! जैसे की इंटरनेट का इतिहास क्या हे, इंटरनेट का अविष्कार किसने किया और कब? और ऐसे ही कई सारी चीजों के बारे में। तो दोस्तों बिना देरी किए जल्दी सुरु करते हे हमारे इस आर्टिकल “इन्टरनेट का अविष्कार किसने किया?” को। 1)इन्टरनेट का अविष्कार कब और किसने किया?
दोस्तों अगर में आपसे बात करू की आखिर इन्टरनेट का अविष्कार किसने किया तो इसका श्रेय किसी एक या दो लोगो देना मेरे ख्याल से नाइंसाफी होगी। क्योंकि इन्टरनेट की संरचना जितनी आसान दिखती हे , उतनी हे नहीं! खैर, फ़िलहाल छोडिए ईस बात को! क्योंकि इसके बारे विस्तार से हम आगे बताएँगे। तो अब अगर हम बात करे की इन्टरनेट का अविष्कार किसने किया तो मुख्य रूप से दो लोगो का नाम दिया जाता हे।
1)रोबर्ट काहन (ROBERT KAHN), और
2)विन्टन सिर्फ(VINTON CERF)
जी हाँ दोस्तों इन्टरनेट के अविष्कार के लिए आज भी इन दोनों महान वैज्ञानिको को श्रेय दिया जाता हे। और ये सही भी हे, क्योंकी इन्टरनेट से पहले इन्होने 1 जनवरी 1983 में सबसे पहले TCP/IP (TRANSMISSION CONTROL PROTOCOL / INTERNET PROTOCOL) की खोज की थी। इन्होने इन्टरनेट के चलने के लिए जरुरी सुरुआती सिस्टम की नीव रखी। और इन्होने ऐसे सिस्टम को बनाया जिससे की माहिती का आसानी से आदान प्रदान किया जा सके। हालाँकि हम ईस खोज को सिर्फ पहला कदम मान सकते हे इन्टरनेट की ओर !
2)इन्टरनेट क्या हे? और इन्टरनेट कैसे काम करता हे?
2.1-इन्टरनेट क्या हे?
दोस्तों चलिए जानते हे इन्टनेट के बारे में विस्तार से। इन्टरनेट की संरचना जितनी सरल दिखती हे उतनी दरअसल हे नहीं! से लेकर व्होट्सएप के ईस आधुनिक युग इन सबका समावेश आप इन्टरनेट में कर सकते हे।
इन्टरनेट को अगर में एक सरल भाषा में बताऊ तो ये सिर्फ एक माध्यम हे, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक जानकारी को एक जगह से दुसरे जगह तक पहोचाने के लिए। और यह पुरे विश्व में फैले वायरो और ओप्टिकल फाइबर के माया जाल से किसी भी इनफार्मेशन को दुनिया के किसी भी कोने तक पहोचाने में मदद करते हे।
इन्टरनेट के अविष्कार ने पूरी दुनिया की काया पलट कर के रख दी हे। आज अगर किसी भी व्यक्ति को किसी भी चीज के बारे में जानना हो तो उसे बस कुछ बटनों को दबाने की जरुरत हे। हालाँकि आज के ज़माने में इन्टरनेट का उपयोग बहुत ज्यादा गलत कामो के लिए भी हो रहा हे। आज का ये दौर अफवाहों का दौर बन चूका हे।
हालाँकि इसके जिम्वेदार भी हम लोग ही हे। क्योंकि हम प्राप्त हुए मेसेज को बिना सोचे समजे लोगो को फॉरवर्ड कर देते हे। लेकिन दो मिनट भी बैठ कर कभी यह नहीं सोचते की इसे पढने वाले हजारो-लाखो लोगो की सोच में क्या फर्क पड़ेगा! चलिए छोडीए इन बातो को लेकिन आगे से किसी भी मेसेज की बिना सच्चाई की पृष्ठी किए किसीको भी फारवर्ड मत करना। चलिए अब जानते हे की आखिर ये इन्टरनेट कैसे काम करता हे?
2.2-इन्टरनेट कैसे काम करता हे?
चलिए अब जानते हे की, इन्टरनेट कैसे काम करता हे! दोस्तों इसको को एक उदाहरण के जारीए समजते हे। जैसे की हमने ऊपर पढ़ा की इन्टरनेट सिर्फ एक माध्यम हे डाटा यानि की इनफार्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहोचाने के लिए। तो आइए जानते हे इसके बारे में और भी विस्तार से।
इन्टरनेट की सुरुआत होती हे सन 1960 में जब U.S. आर्मी ने इसके ऊपर रिसर्च के लिए पैसे दीए। और इसके बाद कई सारे लोगो और कई प्राइवेट कंपनियों की मदद से इन्टरनेट की शुरुआत हुई। जिसमे दो कंप्यूटर को वायर की मदद से जोड़ कर पहली बार माहिती का आदान-प्रदान किया गया। और इसके बाद इन्टरनेट ने बहुत तेजी से विकास किया। जिसका नतीजा आज हम देख ही सकते हे।
ऊपर दिए गए उदहारण से आपको सामान्य बात पता चली होगी की इसमें इन्टरनेट केबलो का बहुत अधिक महत्त्व हे। जिसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हे की आज के ज़माने में करोडो कंप्यूटर और मोबाइल फ़ोन का उपयोग हो रहा हे, ये सभी समुद्र में बिछाए गए केबलो की मदद से जुड़े हुए हे।
सबसे पहले अगर हम बात करे की कंप्यूटर में इन्टरनेट कैसे काम करता हे तो उसके लिए ip क्या होता हे उसका पता होना चाहिए। एक IP एड्रेस बिलकुल आपके घर के एड्रेस की तरह हे, जैसे की अगर हमें किसी को कोई लेटर या पार्सल भेजना हो तो हमें उसके घरके का एड्रेस और पिन कोड पता होना चाहिए। ठीक वैसे ही इन्टरनेट की दुनिया में भी हे। इंसानों के घर के एड्रेस की तरह सभी कंप्यूटरों और मोबाइल फ़ोन की एक अलग IP एड्रेस होता हे। जिसकी वजह से कंप्यूटर को पता चलता हे की किस इनफार्मेशन को किस कंप्यूटर तक पहुचाना हे। और ये सब समुद्र में बिछे इन्टरनेट केबल की वजह से होता हे।
चलिए इसे और एक सामान्य उदाहारण से समझने की कोशीश करते हे!
चलिए इसको अब अब एकदम आसान तरीके से समजते हे। जिसमे समजते हे की आप इन्टरनेट की मदद से घर बैठे ईस आर्टिकल को कैसे पढ़ पा रहे हे!
1) सबसे पहले आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल में किसी भी इन्टरनेट ब्राउज़र एप को खोलेंगे। (जैसे की क्रोम ब्राउज़र, मोज़िला फायरफोक्स ,ओपेरा ब्राउज़र, और हल ही में बेन हुआ uc ब्राउज़र.) इन सभी ब्राउज़र का काम होता हे हमें चीजो को आसान तरीके से देखने के लिए एक इंटरफ़ेस प्रोवाइड करना।
2)अब मान लीजिए की आपने हमारी वेबसाइट www.hindifacts.in को सर्च किया! तो वो इनफार्मेशन सबसे पहले आपके इन्टरनेट प्रोवाइडर के पास रेडियो सिग्नल के माध्यम से टावर द्वारा उनके सर्वर तक जाते हे। यहाँ पर सर्विस प्रोवाइडर कोई भी मोबाइल सिम कार्ड कंपनी हो सकती हे।
और अगर आप wifi का उपयोग कर रहे हे तो वो आपके राऊटर के जरिए आपके शहर में बिछाए गए वायरो द्वारा उस कंपनी के सर्वर तक माहिती पहुचती हे।
3)इसके बाद इन सर्वरों से निकल कर जैसा की मैंने पहले बताया की पूरी दुनिया के कंप्यूटर समुद्र में बिछाए गए लम्बे वायरो से जुड़े हुए हे। इसलिए उन इन्टरनेट केबलो के माध्यम से हमारी वेबसाइट का डाटा जिस जगह पर सेव हे वहा के सर्वर से कनेक्शन बनाएँगे। और इसका पता कंप्यूटरों को ip एड्रेस से पता चलता हे।
4)इन सर्वरों से माहिती एकत्रित करके वापस उसी रास्ते हमारे सर्विस प्रोवाइडर तक माहिती वापस आती हे। और उसके बाद हमारे मोबाइल टावर की मदद से वह माहिती हमारे मोबाइल या कंप्यूटर तक वापस प्राप्त होती हे।
हालाँकि ये सभी चीजे इतनी तेजी से हो जाती हे की हमें इतनी लम्बी प्रक्रिया का अंदाजा भी नहीं लगता। मुजे उम्मीद हे की आपको पता चल ही गया होगा की इन्टरनेट कैसे काम करता हे।
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