NASA की रिपोर्ट के अनुसार हमारा सोलर सिस्टम 4.5 बिलियन साल पुराना है जो कि उस समय घने बादल, धूल और गैस के रूप में था।
सिर्फ हमारे ग्रहों के ही चाँद नहीं होते बल्कि छोटे क्षुद्र ग्रहों (Asteroids) के भी खुद के चाँद होते है और ये चाँद क्षुद्रग्रहों के चक्कर लगाते है। अभी के वैज्ञानिकों ने 300 से अधिक क्षुद्रग्रहों का पता लगाया है जिनके पास खुद के चाँद है जबकि कुछ क्षुद्रग्रहों के पास दो चाँद मौजूद है।
पृथ्वी इकलौता ऐसा ग्रह नहीं है जिसके पास चाँद हो हमारे सौर मंडल पर लगभग 150 के करीब चाँद है जिसमें से प्लूटो के पास 5 चाँद है जबकि बुद्ध व शुक्र ही ऐसे ग्रह है जिनका कोई चाँद नहीं है। 2017 में Asteroid 3122 नाम का उपग्रह खोजा गया था जिसके पास भी 2 चाँद थे।
अंतरिक्ष मे पाये जाने वाले ऐसे तारे होते हैं जिनका आकार बहुत छोटा होता है लेकिन बहुत ज्यादा घनत्व होने के कारण एक चम्मच के आकार के न्यूट्रॉन तारे का वजन 4 बिलियन टन तक होता है। न्यूट्रॉन स्टार एक सेकंड में 600 बार घूमते है और 2 न्यूट्रॉन तारे के टकराने से ब्लैक होल का निर्माण हो सकता है।
अंतरिक्ष पूरी तरह से शांत है क्योंकि वहां कोई हवा नहीं है इसलिए अंतरिक्ष मे किसी भी प्रकार की आवाज सुनाई नहीं देती और हवा न होने के कारण चाँद पर जो भी निशान है वे कई सालों तक वैसे ही बने रहते हैं।
शनि (Saturn) एक ऐसा ग्रह है जो पानी पर तैर सकता है क्योंकि यह अधिकतर गैस से बना हुआ है जिस कारण इसका घनत्व बहुत कम है।
प्लूटो. (Pluto) हमारी पृथ्वी से इतनी दूर है कि अगर हम हवाई जहाज में बैठ कर भी प्लूटो की तरफ जाते हैं तो आज की टेक्नोलॉजी के हिसाब से हमें वहाँ पहुंचने में 800 साल लग जाएंगे।
बृहस्पति (Venus) हमारे सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह है जिसका तापमान 450℃ तक हो सकता है, बृहस्पति ग्रह का एक दिन पृथ्वी के 243 दिन के जितना होता है क्योंकि बृहस्पति अपने कक्ष में बहुत आराम से घूमती है और इसे अपना एक चक्कर पूरा करने में में पृथ्वी के 243 दिन लग जाते हैं।
पृथ्वी के भूकंप (Earthquake) की तरह ही चाँद पर भी कम्पन होती है जिसे Moonquake कहा जाता है और चाँद में कोई हवा न होने के कारण इसके दाग लम्बे समय तक चाँद पर रह जाते हैं।
Lapetus शनि ग्रह का एक चाँद है और ये सौर मंडल का इकलौता ऐसा सैटेलाइट चाँद है जो दो रंगों का है, ये एक तरफ से सफेद है जबकि एक तरफ से हल्के काले रंग का है और वैज्ञानिक भी साफ तौर पर बता नहीं पाए है कि इसके दो रंगों का कारण क्या है।
2018 AG37 हमारे सौर मंडल में ढूंढ़ी गयी अब तक की सबसे दूर की वस्तु है जो सूर्य से 19.78 ± 0.22 बिलियन किलोमीटर दूर है। इसे 2018 में खोजा गया था और फरबरी 2021 में दुनिया के सामने इसकी खोज की घोषणा की गई थी। सूर्य से इतनी दूर होने की वजह से इसे FarFarOut निकनेम दिया गया है।
हम आसमान में जिस भी तारे को देखते हैं वह उस समय वहां मौजूद नहीं होता क्योंकि तारे पृथ्वी से हजारों प्रकाश वर्ष दूर है इसीलिए अभी आसमान में मौजूद तारे की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में कई वर्ष लग जाते हैं जिसके बाद ही वे हमें दिखाई देते हैं। इसी प्रकार अगर 200 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर कोई एलियन हमारी पृथ्वी को बहुत ही आधुनिक टेलिस्कोप से देख रहा हो तो भी 200 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी के कारण उन्हें पृथ्वी पर जुरासिक काल के डायनासोर दिखाई दे रहे होंगें।
वैज्ञानिकों ने 55 Cancri e नाम का ऐसा द्वि तारा खोजा था जो हीरों से भरा हुआ है। यह हमारी पृथ्वी से 41 प्रकाश वर्ष दूर है और आकार में पृथ्वी से दोगुनी है। यह द्वि तारा कार्बन से बना है और कार्बन से बने अपने तारे के चक्कर काटते रहता है, इस द्वितारे का तापमान 1300° से 1400° सेल्शियस के बीच रहता है और इतना ज्यादा तापमान होने के कारण इसकी सतह पर मौजूद कार्बन हीरे में बदलता रहता है।
2006 में खोजा गया TrES-2 b ग्रह अब तक का खोजा गया अंतरिक्ष का सबसे अंधेरा या काला ग्रह है। यह हमारी पृथ्वी से 750 प्रकाश वर्ष दूर है और अपने ऊपर पड़ने वाली 1% से भी कम रोशनी को प्रतिबिंब करता है।
के एक अध्ययन के अनुसार हर सेकंड सूरज का वजन घटता रहता है। सूरज हर सेकंड अपना 4.3 मिलियन टन वजन खोता रखता है। लेकिन राहत की बात यह है कि ये वजन सूरज के भार का सिर्फ 0.0000000000000000002 ही है यानी कि समुद्र से एक बाल्टी पानी निकालने जितना।
अंतरिक्ष मे जब भी एक जैसे धातुओं के दो टुकड़ों को एक दूसरे से मिलाया जाता है तो वे हमेशा के लिए एक दूसरे से चिपक जाते हैं और इस प्रक्रिया को Cold Welding नाम दिया गया है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अंतरिक्ष में हवा और पानी मौजूद नहीं होता और एक जैसी धातु के अलग अलग टुकडों के कण खुद को एक ही धातु समझ लेते है।
Kármán line हमारी पृथ्वी और अंतरिक्ष के बीच की बाउंड्री लाइन है। Kármán line हमारी पृथ्वी से 100 किलोमीटर ऊपर मौजूद है, यानी कि पृथ्वी से 100 किलोमीटर ऊपर से अंतरिक्ष शुरू हो जाता है।
जुपिटर हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। हमारे सौर मंडल में मौजूद सभी ग्रहों को मिला कर भी ये सभी से 2.5 गुना बड़ा है और पृथ्वी की आकार के 1300 ग्रह जुपिटर में समा सकते है। इसके विपरीत Mercury हमारे सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह है लेकिन ये सौर मंडल का सबसे तेज घूमने वाला ग्रह है जो 47 किलोमीटर/सेकंड की रफ्तार से घूमता है।
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से 12 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर ब्रह्मांड का अब का सबसे बड़ा पानी का स्त्रोत खोजा है। ये पानी Quasar नाम के ब्लैकहोल में वाष्प के रूप में मौजूद है और यहां पृथ्वी के सभी समुन्द्रों के पानी को मिला कर भी 140 ट्रिलियन गुना ज्यादा पानी मौजूद है।
चाँद हमारी पृथ्वी से हर साल 3.78 सेंटीमीटर दूर खिसकते जा रहा है, लेकिन चाँद को पृथ्वी से पूरी तरह दूर होने में करोड़ों साल लग जाएंगे और तब तक पृथ्वी और चाँद में बहुत ही चीजें बदल चुकी होंगी
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