कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते हैं | कॉर्न फ्लोर के फायदे, नुकशान और उपयोग

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globalfact.in में आपका हार्दिक स्वागत है. जहाँ पर हम आपके सारे सवालों के सही जवाब देने की कोशिश करते है. तो दोस्तों इसीलिए आज हम लाए है आपके लिए यह लेख जिसमे हम जानेंगे आखिर कॉर्न फ्लोर क्या है? कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते है? इसके साथ ही जानेंगे कॉर्न फ्लोर के फायदे और नुकशान साथ ही आपको बताएँगे की आप कॉर्न फ्लोर का उपयोग कहाँ कर सकते है? तो दोस्तों पूरी जानकारी के लिए पुरे आर्टिकल को जरुर पढ़िए.

कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते है? Corn Flour in Hindi

दोस्तों अगर हम (Corn Flour in Hindi) कॉर्न फ्लोर का हिंदी में अनुवाद करे तो इसका मतलब कुछ इस प्रकार होगा. कॉर्न का मतलब होता है “मक्का” और फ्लोर का मतलब होता है “आटा”. यानि की कॉर्न फ्लोर का अनुवादन होगा मक्के का आटा. लेकिन यह एकदम सही जवाब नहीं है. कोर्न फ्लोर का सही मतलब होता है, “मक्के के आटे का स्टार्च“. चलिए इसे विस्तार से समझते है.

कॉर्न फ्लोर और मक्के के आटे(Maize flour) में क्या फर्क है?

दोस्तों कॉर्न फ्लोर को कॉर्न स्टार्च के नाम से भी जाना जाता है. कॉर्न फ्लोर और मक्के का आटा(Maize flour) दोनों ही अलग चीज है. मक्के का आटा कॉर्नमील फ्लोर होता है. 

  1. कॉर्न फ्लोर को मक्के के दानो के ऊपर का छिलका उतार कर दाने को पाउडर स्वरूप में पीसकर बनाया जाता है. कॉर्न फ्लोर या फिर कॉर्न स्टार्च पाउडर सफ़ेद रंग का होता है.
  2. मक्के का आटा (Maize flour) कोर्न फ्लोर से थोडा अलग इसीलिए है क्यूंकि मक्के के आटे को सीधा मक्के के दानो को धुप में सुखाकर पाउडर की तरह पीसकर बनाया जाता है. यह पाउडर हलके पीले रंग का होता है.

कोर्न फ्लोर का सब्सटीट्यूट क्या है? Substitute of Corn Flour in Hindi

अरारोट को कॉर्न फ्लोर का सब्सटीट्यूट कहा जाता है. दोस्तों अरारोट सफ़ेद कलर का पाउडर होता है. जिसे हम ज्यादातर आलू की टिकिया बनाने के लिए उपयोग करते है. यह जड़ का पाउडर होता है.अरारोट को लोग अलग अलग नाम से जानते है. अरारोट के पौधे को अंग्रेजी में एरो रूट (Arrow Root) के नाम से जाना जाता है.

अरारोट को गुजरती में तवखार, अरारोट, अरारुट, और विलैती तिखुर के नाम से भी जाना जाता है.

कॉर्न फ्लोर से क्या क्या बनता है?

दोस्तों कॉर्न फ्लोर की मदद से हम विविध प्रकार की खाद्या सामग्री और स्वादिस्ट भोजन बना सकते है. कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल हम कहाँ कहाँ कर सकते है उसकी जानकारी कुछ इस प्रकार है.

  • मंचूरियन की ग्रेवी को गाढ़ा करने में
  • रसगुल्ले की मिठाई में
  • क्रंची चिकन
  • क्रंची फ्रेंच फ्राइज
  • गुलाब जामुन और छेना मिठाई की बनावट में
  • कोफ्ते की बनावट में
  • टिक्की/आलू की टिकी बनाने में
  • ग्रेवी को गाढ़ा करने में
  • आइसक्रीम में फ्लेवर एड करने के लिए

आम तौर पर कॉर्न फ्लोर का उपयोग हम किसी भी पकवान को बांधने के लिए करते है जिससे की पकवान डिश में फेल न जाए या फिर टिक्की बनाते वख्त टिक्की टूट न जाए. तथा कॉर्न फ्लोर का उपयोग हम चिकन बनाते वख्त और क्रिस्पी चीजो की बनावट में भी करते है जिससे की चिकन एकदम क्रंची बने. इसके साथ ही ग्रेवी बनाते वख्त ग्रेवी को गाढ़ा बनाने के लिए भी कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल किया जाता है.

घर पर कॉर्न फ्लोर कैसे बनाए?

दोस्तों अगर आप भी घर पर आसानी से कॉर्न फ्लोर बनाना चाहते है तो निचे दीए विडियो को जरुर देखे या फिर विडियो के निचे दिए गए लेख को भी पढ़ सकते हो.

Step-1: सबसे पहले भुट्टे (मक्के) के दानो को निकाल ले. और फिर पानी का इस्तेमाल करते हुए अच्छे से धो ले.

Step-2: मक्के के दानो को धोने के बाद उसे एक बर्तन में तक़रीबन 2 से 3 घंटे तक पानी में भिगोके रख दे. जिससे मक्के के दाने नरम और अच्छे तरह से फुल जाएँगे.

Step-3: भिगोए गए दानो को बहार निकाल कर पानी की मदद से मिक्सर ग्राइंडर में मक्के के दानो को पिस कर पतला पेस्ट बनाए.

Step-4: पिसे गए पेस्ट को कोटन के कपडे और चलनी की मदद से एक बर्तन में अच्छी तरह से छान लीजिए. बस हमारा आधा कम हो गया है. अब हमें कपडे में बचे पेस्ट का काम नहीं है. हमें सिर्फ छाने गए पानी का काम है. छाने गए पानी को 2 घंटे तक ढँक कर रख दे. जिससे कॉर्नफ्लोर बर्तन में निचे जमा हो जाएगा.

Step-5: 2 घंटे बाद आराम से बर्तन में से पीले पानी को धीरे धीरे निकाल दे. ध्यान रखे जितना हो सके उतना पूरा पानी निकल जाना चाहिए. और निचे सिर्फ स्टार्च ही बचना चाहिए. अगर पानी निकलने के बाद भी पिली सतह रह जाए तो चम्मच की मदद से काछ कर जितना हो सके उतना निकाल दीजिए.

हालाँकि अगर थोड़ी बोहोत पिली सतह रह जाए तो चिंता न करे उससे फर्क नहीं पड़ेगा. अब आपको सफ़ेद पाउडर मील जाएगा है. 

Step-6: बर्तन में जो सफ़ेद कॉर्न स्टार्च मिला है उसे एक प्लेट में निकाल लीजिए. और इसे एक दिन के लिए अच्छी धुप में सूखने के लिए रख दीजिए. आप इसे पंखे के निचे भी सुखा सकते है लेकिन धुप में ज्यादा बेहतर परिणाम मिलेगा.

बस आपका काम यही पर ख़तम हो गया.और आपके पास बनकर तैयार है एकदम ताजा फ्रेश कॉर्न फ्लोर. तो दोस्तों इसी तरह से आप घर पर बोहोत ही आसानी से कॉर्न फ्लोर बना सकते है. हमने यहाँ जाना घर पर कॉर्न फ्लोर कैसे बनाए? अब चलिए जानते है की कॉर्न फ्लोर का रख रखाव कैसे करे? 

कॉर्न फ्लोर का रख रखाव कैसे करे?

  • कॉर्न फ्लोर को ऐसी जगह पर रखे जहाँ पर नमी के संपर्क में न आए. और कॉर्न फ्लोर को नमी से बचा कर रखे.
  • कॉर्न फ्लोर को हंमेशा एयर टाईट डब्बे या फिर बर्तन में रखे जिससे वह सुरक्षित रहे.
  • जब भी कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल करे तो साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखे.
  • हमेशा कॉर्न फ्लोर को निकालते वख्त सूखे हाथ या फिर सुखे बर्तन के इस्तेमाल करे.

Corn Flour in Hindi कॉर्न फ्लोर के फायदे और नुकशान

कॉर्न फ्लोर में पाए जाने वाले पोषक तत्व

कॉर्न फ्लोर में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के नाम

क्रमपोषक तत्वपोषक तत्वों की मात्रा
1.प्रोटीन1.1 ग्राम
2.फाइबर1.2 ग्राम
3.एनर्जी44 कैलोरीज
4.कार्बोहाइड्रेट9.1 ग्राम
5.फैट0.5 ग्राम
6.कैल्शियम16.9 mg
7.आयरन0.86 mg
8.मैग्नीशियम13.2 mg
9.फॉस्फोरस26.7 mg
10.जिंक0.22 mg
11.पोटैशियम35.7 mg
12.विटामिन बी 1 (थियामाइन)0.17 mg
13.विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन)0.09 mg
14.विटामिन बी 3 (नियासिन)1.17 mg
15.फोलेट विटामिन बी 927.9 एमसीजी

कॉर्न फ्लोर के फायदे (Benefits of Corn Flour in Hindi)

1)एनिमिया रोगियों के लिए कॉर्नफ्लोर फायदेमंद :-

कॉर्न फ्लोर का सेवन एनिमिया रोग के दर्दी के लिए लाभ दायक हो सकता है. क्यूंकि एनिमिया रोग में शरीर में खून की कमी होने लगती है,और यह बीमारी शरीर को कमजोर कर देती है. ऐसे में कॉर्न फ्लोर में उपलब्ध विटामिन्स, मिनरल्स, और मुख्य आयरन होता है जो हमारे शरीर में खून बनाने में महत्त्व की भूमिका निभाता है. वैसे तो किसी भी चीज का अधिक उपयोग हानिकारक है यह बात भी हमें ध्यान रखनी चाहिए.

2)आंतो के लिए कॉर्न फ्लोर है लाभदायक :-

दोस्तों इस बात में को तो हम नहीं नकार सकते की हमारे शरीर में सभी बीमारियों का जड़ है हमारा पेट. आयुर्वेद में कहा गया है की बीमारियों का रास्ता हमारे पेट से होकर ही जाता है. इसीलिए यह महत्वपूर्ण बं जाता है की हम हमारे पेट को साफ और स्वस्थ खाना खाए. ऐसे में कॉर्न फ्लोर आपकी मदद कर सकता है.

कॉर्नफ्लोर का उपयोग करने से हमारा आंत स्वस्थ और मजबूत होता है. इसके अलावा कॉर्नफ्लोर में शरीर की शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ने वाले 70% से अधिक तत्व मौजूद होते है. जो हमें स्वस्थ रहने में मदद कर सकते है. अगर पेट स्वस्थ तो हम भी स्वस्थ.

 

3)वजन बढ़ाने में कॉर्न फ्लोर करता है मदद :-

अगर किसी युवा को पूछा जाए की तुम्हारी समस्या क्या है तो अधिकतर लोग ऐसे निकलेंगे जिनको वजन से जुडी समस्याए होंगी जैसे की कुछ लोगो को वजन घटाना होगा, तो कुछ लोगो को वजन बढ़ाना होगा. अब अगर आपको भी वजन बढ़ाना है तो आप भी कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल कर सकते हो. 

कॉर्न फ्लोर में कार्बोहाईड्रेट और केलोरिस की मात्रा अधिक होने की वजह से कॉर्न फ्लोर वजन बढाने में मदद करता है. हालाँकि वजन न बढ़ने अन्य भी कई कारण हो सकते है. इसीलिए हमारी यही सलाह हमेशा रहती की किसी भी चीज के इस्तेमाल से पहले आप अपने डॉक्टर से एक बार जरुर पूछना चाहिए.

 

4)कॉर्न फ्लोर स्किन संबंधित समस्या से बचाता है :-

आजकल स्किन संबंधित समस्या काफी ज्यादा देखि जाती है. स्किन शरीर का सबसे ज्यादा सेंसिटिव चीज होती है.ऐसे में स्किन का देखभाल रखना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है. स्किन से जुड़े अधिकतर रोगों  का कारण होता है शरीर की सही से सफाई न करना या फिर जहाँ पर बेक्टेरिया का अधिक प्रभाव होता है.

ऐसे में कॉर्न फ्लोर आपको स्किन से जुडी अधिकतर समस्याओ से बचा सकता है. क्यूंकि कॉर्न फ्लोर में विटामिन-A , विटामिन-E, और कई सारे एंटीओक्सिडेंट होते है. जो हमारे शरीर से जुड़े अधिकतर स्किन संबंधित समस्याओ को दूर रखने में मदद करता है. फिर भी अगर आपको कोई समस्या है तो कृप्या एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर लीजिए.

5)हाई ब्लड प्रेशर ने कॉर्नफ्लोर फायदेमंद :-

कॉर्न फ्लोर में फाइबर, ओमेगा-3, फैटी एसिड और एंटीओक्सिडेंट होते है जो हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजो को लिए फायदेमंद हो सकता है. दोस्तों जो लोग ज्यादातर गुस्सा करते है या फिर हमेशा टेंशन में रहते है उन लोगो को है ब्लड प्रेशर की बीमारी होने की संभावना अधिक होती है. इसीलिए हस्ते रहीइ और मुश्कुराते रहीए.

 

6)कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने कॉर्नफ्लोर उपयोगी :-

दोस्तों आज के आधुनिक युग में अधिकतर लोगो को कोलेस्ट्रोल की समस्या होती है, और कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए लोग नजाने क्या क्या आड़े तेडे उपाय करते है. लेकिन अगर आप भी कॉर्न फ्लोर का उपयोग करेंगे तो यह आपको कोलेस्ट्रोल के बढ़ने से रोक सकता है.

 

7)थकान और कमजोरी में कोर्न फ्लोर मददगार होता है.

8)आँखों की रौशनी के लिए भी कॉर्न फ्लोर फायदेमंद होता है.

9)अधिकतर पाचन क्रिया की समस्या को कम करने में कॉर्न फ्लोर फायदेमंद है.

10)शरीर में कई तरह की एलर्जी और सुजन को कम करने में भी कॉर्न फ्लोर उपयोगी है.

कोर्न फ्लोर के नुकशान (Disadvantages of Corn Flour in Hindi)

1)ओर्गेनिक तरीके से बनाया गया कॉर्न फ्लोर शरीर के लिए हेल्थी होता है. जबकि बाजार में मिलने वाला पेकेट का कॉर्न फ्लोर शरीर के फायदेमंद न होकर नुकशान ही करता है. हालाँकि यह चीज कॉर्न फ्लोर के प्रोडक्शन और प्रोसेस पर भी निर्भर करता है. लेकिन ज्यादातर पेकेट में मिलने वाले कॉर्न फ्लोर शरीर के लिए उतने अछे नहीं होते है.

2)कंपनी में बनाए जाने वाले कॉर्न फ्लोर को कई सारी रासायनिक प्रक्रियाओं से होकर बनाया जाता है.इसीलिए कॉर्न फ्लोर ज्यादा लम्बे समय तक उपयोग में लिया जा सके इस विचार से उसमे कई तरह के केमिकल का और जंतुनाशक का प्रयोग किया जाता है. जो हमारे शरीर के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है.

इसीलिए हमेशा फ्रेश कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल करे. और अगर हो सके तो घर पर ही बना कर जितना चाहे उतना बेफिक्रर होकर उपयोग करे.

3)बाजार में मिलने वाले अधिकतर कॉर्न फ्लोर में फ्रेश बनाए गए कॉर्न फ्लोर के मुकाबले पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है.

4)कॉर्न फ्लोर का एक दूसरा नुकशान है कि, इसका ज्यादा मत्र में इस्तेमाल करने से वजन कम करने में दिक्कत करता है. जैसा की हमने देखा इसमें कार्बोहाईड्रेट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से शरीर में यह चर्बी की मात्रा बढ़ा देता है जिसकी वजह से हम बहुत जल्दी मोटापे का शिकार बन सकते है.

5)डायाबिटिश के मरीजो के लिए कॉर्न फ्लोर काफी ज्यादा नुकशान दायक है. क्यूंकि कॉर्न फ्लोर में अधिक मात्र में कार्बोहाईड्रेट होने की वजह से यह शरीर में जाते ही एक्स्ट्रा कार्बोहाईड्रेट को ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है जिसकी वजह से डायाबिटिश के दर्दी को अकी प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पद सकता है.

6)कॉर्न फ्लोर का ज्यादा इस्तेमाल कोलेस्ट्रोल को बढ़ावा दे सकता है वह शरीर में LDL की मात्रा को बढा देता है जोकी एक ख़राब कोलेस्ट्रोल है.

इसके साथ ही कॉर्न फ्लोर के अधिक प्रयोग की वजह से डायाबिटिश, कोलेस्ट्रोल, हार्ट अटैक, और हार्ट से जुडी कई प्रकार की बीमारियाँ हो सकती है.इसीलिए हमेशां स्वस्थ खाए और स्वस्थ रहे.

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